Sunday, April 27, 2008

गमजदा तराना



किस जहाँ में गये
...मुद्दत से एक वीराना है।
बेचारगी है तबीयत में
...एक गमजदा तराना है॥


कभी रुबरू हो आइनों से
...देख दिल ये सूना-सूना है।
मंजिल है आसमां में तेरी
...पर रास्ता ये बेठिकाना है।



एक ख्वाबीदां नजरें हैं
...वही इंतज़ार पुराना है।
तस्वीर सी आँखों में है
...और दर्द वो सुहाना है।।



फ़ुरकत में मिले जख्म हैं
...यादों का ताज़ियाना है।
रोता है जार जार दिल
...हालत ये आशिकाना है।।



यही किस्सा है हर गली में
...क्या गया जमाना है।
क्यों पूछते हो कौन हूँ?
...तेरा ही यह फ़साना है।।


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